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बजट और आम जनता का सीधा वास्तव टैक्स को लेकर किए गए ऐलान होते हैं. उसकी बड़ी वजह ये है कि अब रेल बजट से अलग से पेश नहीं होता है और कई बार रेल विभाग को लेकर कई बड़े ऐलान बजट से हटकर भी किए जाते हैं. दूसरी ओर जीएसटी आने के बाद चीजों की कीमतें भी घटाने-बढ़ाने की भी घोषणा नहीं की जाती है. कोरोनाकाल में टैक्स को लेकर कई तरह की रियायतें की गई थीं. महंगाई से जूझ रहे नौकरी-पेशा कर रहे लोगों को इस बार भी टैक्स को लेकर बहुत उम्मीदें हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा. खबर है कि इस बार के बजट में वित्त मंत्रालय मध्यम वर्ग यानी मिडिल क्लास को लाभ देने वाले प्रस्तावों पर विचार कर रहा है. कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय विभिन्न, सरकारी विभागों की तरफ से भेजे गए ऐसे प्रस्तावों पर विचार कर रहा है, जिनसे मध्यम वर्ग के बड़े भाग को लाभ पहुंचे. केंद्र सरकार ने अभी तक आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं की है. टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक साल 2014 में सरकार ने आयकर में छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख कर दी थी. विशेषज्ञों के मुताबिक महंगाई के उच्च स्तर में वेतनभोगी मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए आयकर छूट सीमा और स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने की जरूरत है.